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पूर्णिमा व्रत | पूर्णिमा व्रत 2034 तिथि

Columbus, Ohio, United States

date  2034
Columbus, Ohio, United States

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पूर्णिमा व्रत

2034 Columbus, Ohio, United States

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पूर्णिमा (English: Purnima, Malayalam: പൗർണമി/പൂർണ്ണചന്ദ്രൻ, Telugu: పూర్ణిమ/పౌర్ణమి, Tamil: பூர்ணிமா/முழு நிலவு) व गुरू पूर्णिमा हिन्दू कैलेंडर के अनुसार पूरा चन्द्रमा दिखाई देने वाला दिन पूर्णिमा कहलाता है। हिन्दू कैलेंडर में इसी दिन पूर्णिमांता महीना खत्म होता है। पूर्णिमा बहुतायत एवं समृद्वि का प्रतीक है। चन्द्रमा की स्थिति के हिसाब से इसे पौर्णिमी, पुरणमासी एवं पूर्णिमा भी कहा जाता है।

पूर्णिमा, आने वाली पूर्णिमा एवं चन्द्रमा के चक्र की सम्पूर्ण जानकारी mPanchang पर उपलब्ध है।

पूर्णिमा का महत्व

  • हिन्दू कैलेंडर में प्रत्येक पूर्णिका का कुछ महत्व है। इसलिए बारह महीनों में प्रत्येक पूर्णिमा पर अवसर एवं त्यौहार मनाऐ जाते हैं।
  • पूर्णिमा के दिन आसमान में पूरा चन्द्रमा दिखाई देता है जो कि अंधेरे को खत्म करने का प्रतीक है।
  • इस दिन विशेष रूप से भगवान सत्यनारायण की पूजा की जाती है।
  • बहुत से भगवान ने इस दिन मानव अवतार लिया था।

अगली पूर्णिमा व्रत तिथि 2034: बुधवार, 04 जनवरी, 2034

पूर्णिमा तिथि दिनांक तिथि का समय व्रत का नाम

पूर्णिमा जनवरी 2034

04 जनवरी (बुधवार)

समय देखें पौष पूर्णिमा, शाकम्भरी पूर्णिमा

साल 2034 के लिए पूर्णिमा व्रत की सूची

पूर्णिमा तिथि दिनांक तिथि का समय व्रत का नाम

पूर्णिमा जनवरी 2034

पौष पूर्णिमा

04 जनवरी (बुधवार)

समय देखें पौष पूर्णिमा, शाकम्भरी पूर्णिमा

पूर्णिमा फरवरी 2034

माघ पूर्णिमा

02 फरवरी (गुरुवार)

समय देखें मघा पूर्णिमा, गुरु रविदास जयंती

पूर्णिमा मार्च 2034

फाल्गुन पूर्णिमा

04 मार्च (शनिवार)

समय देखें छोटी होली, होलिका दहन, फाल्गुन पूर्णिमा, वसंता पूर्णिमा

पूर्णिमा अप्रैल 2034

चैत्र पूर्णिमा

03 अप्रैल (सोमवार)

समय देखें चैत्र पूर्णिमा, हनुमान जयंती

पूर्णिमा मई 2034

वैशाख पूर्णिमा

02 मई (मंगलवार)

समय देखें बुद्धा पूर्णिमा, कुर्मा जयंती, वैशाख पूर्णिमा

पूर्णिमा मई 2034

वैशाख पूर्णिमा

03 मई (बुधवार)

समय देखें बुद्धा पूर्णिमा, कुर्मा जयंती, वैशाख पूर्णिमा

पूर्णिमा जून 2034

ज्येष्ठ पूर्णिमा

01 जून (गुरुवार)

समय देखें ज्येष्ठा पूर्णिमा, वट पूर्णिमा व्रत

पूर्णिमा जुलाई 2034

आषाढ़ा पूर्णिमा

01 जुलाई (शनिवार)

समय देखें अषाढ़ा पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा, व्यास पूजा

पूर्णिमा जुलाई 2034

आषाढ़ा पूर्णिमा

30 जुलाई (रविवार)

समय देखें अषाढ़ा पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा, व्यास पूजा

पूर्णिमा अगस्त 2034

श्रावण पूर्णिमा

29 अगस्त (मंगलवार)

समय देखें राखी, रक्षा बंधन, श्रवण पूर्णिमा

पूर्णिमा सितम्बर 2034

भाद्रपद पूर्णिमा

27 सितम्बर (बुधवार)

समय देखें भाद्रपदा पूर्णिमा, पूर्णिमा श्रद्धा, पितृपक्ष शुरू

पूर्णिमा अक्तूबर 2034

आश्विन पूर्णिमा

27 अक्तूबर (शुक्रवार)

समय देखें आश्विन पूर्णिमा, कोजगरा पूजा, शरद पूर्णिमा

पूर्णिमा नवम्बर 2034

कार्तिक पूर्णिमा

25 नवम्बर (शनिवार)

समय देखें कार्तिका पूर्णिमा

पूर्णिमा दिसम्बर 2034

मार्गशीर्ष पूर्णिमा

24 दिसम्बर (रविवार)

समय देखें दत्तात्रेय जयंती, मार्गशीर्ष पूर्णिमा

अलग-अलग महीनों में पूर्णिमा के दिन आने वाले त्यौहार

पौष पूर्णिमा:

पौष पूर्णिमा हिन्दू कैलेंडर में महत्वपूर्ण दिन है। अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से यह दिसंबर-जनवरी के महीने में आती है। इस दिन श्रद्वालू प्रयाग संगम (यमुना, गंगा, सरस्वती) पर डुबकी लगाते हैं। और ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्ति पाकर मोक्ष को प्राप्त कर लेता है।

माघी पूर्णिमा:

माघी पूर्णिमा जिसे माघ पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। यह माघ महीने के पूरे चन्द्रमा के दिन होती है। इस समय के दौरान शुभ कुंभ मेला बारह वर्ष के बाद आयोजित किया जाता है।

होली:

होली हिन्दी महीने फाल्गुन में आती है जो कि वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। इसे रंगों को त्यौहार भी कहा जाता है एवं इसे दो दिन तक मनाया जाता है। यह त्यौहार भारत एवं नेपाल के ज्यादातर हिस्सों में मनाया जाता है। होलिका दहन रंगवाली होली से पहली रात को किया जाता है।

हनुमान जयंती:

हनुमान जयंती चैत्र महीने में आने वाली पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। इस दिन को (हनुमान जी जो कि वानरों के भगवान एवं श्रीराम भक्त हैं) के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।

बुद्व पूर्णिमा:

वैशाख महीने की पूर्णिमा को भगवान गौतम बुद्व के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है जिनका बचपन का नाम सिद्वार्थ गौतम था । जो कि एक आध्यात्मिक गुरू थे जिन्होनें बौद्व धर्म की स्थापना की । यह पूरे भारत सहित नेपाल एवं कुछ दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में भी मनाया जाता है।

वट पूर्णिमा:

यह एक बहुत ही शुभ हिन्दू तिथि है इसे ज्येष्ठ पूर्णिमा भी कहा जाता है। इसे ज्येष्ठ महीने के पूरा चन्द्रमा दिखाई देने वाले दिन मनाया जाता है। यह व्रत मुख्य रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लम्बी उम्र एवं सुखी विवाहित जीवन की कामना के लिए किया जाता है।

आषाढ़ पूर्णिमा:

यह पूर्णिमा गुरूओं को समर्पित है। इस दिन रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है।

रक्षाबंधन:

रक्षाबंधन श्रावण महीने में मनाई जाती है। रक्षाबंधन का त्यौहार मुख्य रूप से अपने भाई के लिए बहन के प्यार एवं स्नेह को दर्शाता है।

मधु पूर्णिमा:

मधु पूर्णिमा हिन्दू महीने भाद्रपद में मुख्य रूप से बांग्लादेश के चटगांव एवं थाईलैंड के सोम लोगों द्वारा मनाया जाता है।

पूर्णिमा पूजा एवं व्रत विधि:

  • इस दिन श्रद्धालू सुबह जल्दी उठकर सूर्योदय से पहले पवित्र जल से स्नान करते हैं।
  • इस दिन भगवान शिव व विष्णु की पूजा की जाती है।
  • श्रद्धालू इस दिन उपवास रखते हैं। पूरा दिन बिना कुछ खाऐ-पीऐ उपवास किया जाता है।
  • उपवास सूर्योदय से प्रारंभ होकर चन्द्र दर्शन पर पूर्ण होता है।
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