• Powered by

  • Anytime Astro Consult Online Astrologers Anytime

Rashifal राशिफल
Raj Yog राज योग
Yearly Horoscope 2024
Janam Kundali कुंडली
Kundali Matching मिलान
Tarot Reading टैरो
Personalized Predictions भविष्यवाणियाँ
Today Choghadiya चौघडिया
Rahu Kaal राहु कालम

Vastu Tips for Placing Mirrors at Home, वास्तु के अनुसार कहां होना चाहिए आईना?

Vastu Tips for Placing Mirrors at Home

Updated Date : गुरुवार, 19 अगस्त, 2021 07:35 पूर्वाह्न

वास्तु शास्त्र - घर में दर्पण(आईना) लगाने के टिप्स

घर के वास्तु शास्त्र में दर्पण एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह घर में ऊर्जा को प्रभावित करने में सक्षम होता है और घर में सकारात्मक या नकारात्मक दोनों तरह की ऊर्जा का स्रोत हो सकता है। चूंकि एक आईना अपने ऊपर पड़ने वाली किसी भी चीज को प्रतिबिंबित करने की क्षमता रखता है, दर्पण वास्तु शास्त्र सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने और सभी नकारात्मक ऊर्जाओं को प्रतिबिंबित करने के लिए इसका उपयोग करने की सलाह देता है।

जानिए वास्तु अनुसार घर कैसा होना चाहिए?

आप घर में सकारात्मक ऊर्जा भी ला सकते हैं और मिरर वास्तु टिप्स के अनुसार दर्पण लगाकर अपनी समृद्धि और खुशीयों को दोगुना कर सकते हैं। आईनों का सही स्थान आपको सकारात्मकता बढ़ाने में मदद कर सकता है और घर के अंदरूनी हिस्सों की सुंदरता भी बढ़ा सकता है। मिरर वास्तु टिप्स देखें और जानें कि मिरर वास्तु शास्त्र के अनुसार क्या करें और क्या न करें। इसके अलावा, बेडरूम और घर के अन्य हिस्सों के लिए सकारात्मक मिरर वास्तु दिशाओं के बारे में जानें।

घर के लिए मिरर वास्तु शास्त्र

शीशा घर के किसी भी हिस्से में लगाया जा सकता है। हालांकि, घर के अलग-अलग हिस्सों के लिए मिरर वास्तु दिशाएं अलग-अलग होती हैं। यहां मिरर के लिए वास्तु टिप्स दिए गए हैं जिनका पालन घर के प्रत्येक हिस्से में मिरर लगाने के लिए किया जाना चाहिए।

बेडरूम के लिए मिरर वास्तु टिप्स

  • बेडरूम वास्तु शास्त्र के अनुसार कभी भी बेडरूम में शीशा नहीं लगाना चाहिए। शयन कक्ष में शीशा लगाने से घर के लोगों का स्वास्थ्य और शांति भंग होती है।
  • यदि आप बेडरूम में दर्पण लगाना चाहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि यह बिस्तर के सामने की ओर ना हो।
  • दर्पण वास्तु शास्त्र के अनुसार बिस्तर पर सोने वाले व्यक्ति का प्रतिबिंब अशुभ होता है।
  • दर्पण को किसी कपड़े से छुपाना या ढकना सबसे अच्छा मिरर वास्तु टिप है। खासकर जब शीशा इस्तेमाल में न हो तो शीशा खुला नहीं रखना चाहिए।
  • बेडरूम मिरर वास्तु के अनुसार बेडरूम का प्रवेश द्वार या दरवाजे का प्रतिबिंब दर्पण पर नहीं पड़ना चाहिए।
  • बेडरूम मिरर वास्तु के अनुसार डिजाइनर बेड के हेडरेस्ट पर मिरर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि यह बेचैनी का कारण बनता है।
  • कभी भी फॉल्स सीलिंग में शीश न लगाएं क्योंकि यह बिस्तर या फर्श को प्रतिबिंबित करता है और नकारात्मकता पैदा कर सकता है।
  • बेडरूम में जंग लगे शीशे या टूटे हुए शीशे नहीं रखने चाहिए। घर के वास्तु के अनुसार, यह बेडरूम में नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं।
  • अपने बेडरूम के ड्रेसिंग रूम में शीशा लगाने के लिए सबसे अच्छी मिरर वास्तु दिशा उत्तर या पूर्व है।

जानिए शास्त्र वास्तु के अनुसार सोने की सही दिशा - बेडरूम वास्तु

बच्चों के कमरे के लिए मिरर वास्तु टिप्स

  • मिरर वास्तु शास्त्र के अनुसार बच्चों के कमरे में कोई दर्पण नहीं रखा जाना चाहिए।
  • मिरर वास्तु शास्त्र के अनुसार बच्चों के कमरे में शीशा लगाने से बेचैनी और तनाव हो सकता है।
  • बच्चों के कमरे में दर्पण भी बच्चों में भ्रम, व्याकुलता और भय पैदा कर सकता है।

लिविंग रूम के लिए मिरर वास्तु टिप्स

  • यदि घर का मुख्य दरवाजा लिविंग रूम में खुलता है तो मुख्य द्वार के सामने शीशे लगाने से बचें।
  • मुख्य द्वार वास्तु के अनुसार, यदि दर्पण को प्रवेश द्वार के सामने रखा जाता है, तो यह घर में प्रवेश करने वाली सकारात्मक ऊर्जा को प्रतिबिंबित कर सकता है।
  • लिविंग रूम के मिरर वास्तु के अनुसार शीशे को फोयर में या कंसोल टेबल के ऊपर रखना चाहिए।
  • लिविंग रूम में उत्तर या पूर्व दिशा की दीवार दर्पण लगाने के लिए सबसे अच्छी दिशा है।
  • लिविंग रूम के शीशे हमेशा खिड़की के सामने की दीवारों पर लगाने चाहिए। मिरर वास्तु के अनुसार, शीशों को लिविंग रूम में उत्तर या पूर्व की दीवार पर खिड़की के सामने लगाने पर दोपहर में सबसे अधिक ऊर्जा मिलती है।

बाथरूम के लिए मिरर वास्तु टिप्स

  • बाथरूम में हमेशा उचित रोशनी होनी चाहिए, अतः सबसे अच्छा बाथरूम मिरर वास्तु टिप इसे उत्तर या पूर्व की दीवार पर लगाना है। अच्छी ऊर्जा को प्रसारित करने और सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए ये सर्वोत्तम मिरर वास्तु दिशाएं हैं।
  • रोशनी के विपरित दर्पण लगाने से बचें। इससे आप खुद को ही स्पष्ट रूप से आईने में नहीं देख पाऐंगे।
  • घर के बाथरूम के दरवाजे पर हमेशा फुल लेंथ का शीशा लगाएं।
  • मिरर वास्तु शास्त्र शौचालय की विपरीत दिशा में दर्पण नहीं लगाने का सुझाव देता है।
  • डाइनिंग रूम के लिए मिरर वास्तु टिप्स
  • किचन वास्तु के अनुसार डाइनिंग रूम में शीशा लगाना बहुत शुभ होता है।
  • दर्पण को हमेशा इस तरह लगाना चाहिए कि वह खाने की मेज पर भोजन को प्रतिबिंबित करे।
  • मिरर वास्तु शास्त्र के अनुसार, भोजन कक्ष में दर्पण लगाने से घर में स्वास्थ्य, भोजन और धन की वृद्धि होती है।

दीवारों पर दर्पण लगाने के लिए वास्तु टिप्स

मिरर वास्तु शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक मिरर वास्तु दिशा के कुछ प्रभाव और उससे जुड़े मिरर वास्तु टिप्स होते हैं। यहां दिशाओं के आधार पर दर्पणों के लिए वास्तु टिप्स दिए गए हैं।

  • उत्तर- यह घर के लिए सबसे अच्छी मिरर वास्तु दिशाओं में से एक है। इस दिशा में चौकोर आकार के दर्पणों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • दक्षिण- यह यम की दिशा है, अतः इस दिशा में दर्पण नहीं लगाना चाहिए।
  • पूर्व- दर्पण वास्तु शास्त्र के अनुसार यह एक और सबसे उपयुक्त दिशा है। इस दिशा में शीशा लगाते समय गोल आकार के शीशे का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • पश्चिम- इस दिशा में आप गोल या चौकोर दोनों तरह के शीशे लगा सकते हैं।
  • दक्षिण-पूर्व- इस दिशा में शीशा लगाने से बचें।
  • दक्षिण-पश्चिम- इस दिशा में शीशा लगाने से परिवार के सदस्यों में मनमुटाव और झगडा होता है। अतः, यह एक अच्छी मिरर वास्तु दिशा नहीं है।
  • उत्तर-पूर्व- यह दिशा मिरर वास्तु टिप्स के अनुसार गोल या आयताकार आकार के दर्पण लगाने के लिए एकदम सही है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार मिरर लगाने के लिए क्या करें और क्या न करें।

  • शीशे को हमेशा फर्श से कम से कम 4 या 5 फीट ऊपर रखें।
  • घर में दर्पण और प्रतिबिंबित जगहों को हमेशा साफ रखें।
  • सुनिश्चित करें कि दर्पण दीवार पर सीधे लगे हों। मिरर वास्तु शास्त्र के अनुसार उन्हें आगे की ओर झुका हुआ नहीं होना चाहिए।
  • सीढ़ी के पास कभी भी शीशा न लगाएं।
  • घर में कभी भी पारदर्शी कांच की खिड़की के शीशे और दरवाजों का इस्तेमाल न करें।
  • घर में पारदर्शी खिड़कियों और दरवाजों का प्रयोग करें।
  • अध्ययन कक्ष में कभी भी दर्पण न लगाएं क्योंकि इससे छात्रों की एकाग्रता में कमी आ सकती है।
  • चूंकि टेलीविजन एक प्रतिबिंबित सतह प्रदर्शित करता है, इसलिए जब यह उपयोग में न हो तो आपको इसे हमेशा ढक कर रखना चाहिए।
  • किन्हीं दो दर्पणों को एक दूसरे के विपरीत रखने से बचें।
  • मिरर वास्तु सिद्धांतों के अनुसार आमतौर पर अंडाकार और गोल आकार के दर्पणों से बचना चाहिए।
  • अगर आपके घर के कोने में कट है तो उस दिशा में शीशा लगाना चाहिए।
  • ज्यादातर घर में अवतल दर्पण पसंद किया जाता है क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करता है और इसे बाहर की ओर नहीं दर्शाता है।
  • घर में शीशा लगाने से पहले हमेशा वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।

जानिए धन प्राप्ति के लिए वास्तु टिप्स

एक खुशहाल और सकारात्मक घर के लिए, सुनिश्चित करें कि आप ऊपर बताए गए सभी मिरर वास्तु टिप्स का पालन करें। हालांकि, वास्तु शास्त्र के अनुसार दर्पण का स्थान निर्धारित करते समय, घर की दिशाओं पर विचार करना चाहिए। अतः, हमेशा उत्तर मुखी घर, पश्चिम मुखी घर, पूर्व मुखी घर और दक्षिण मुखी घर के लिए वास्तु सिद्धांतों को जानें। आप वास्तु सुझावों और उपायों के लिए लाइव ज्योतिष परामर्श भी ले सकते हैं।

ज्योतिषी से बात करें

वैवाहिक संघर्ष, प्रेम संबंध समस्या। कॉल पर गुना मिलान और रिलेशनशिप परामर्श।

Love

नौकरी में संतुष्टि की कमी, करियर की समस्याएं? करियर और सफलता के लिए ज्योतिषी से सलाह लें।

Career

धन की कमी, विकास और व्यावसायिक समस्याएं? कॉल पर ज्योतिषी द्वारा उपाय और समाधान प्राप्त करें।

Finance

सटीकता और संतुष्टि की गारंटी


Leave a Comment

Chat btn