भगवान शिव को हिंदू धर्म में सर्वोच्च और सबसे शक्तिशाली भगवान माना जाता है। उन्हें ‘विध्वंसक’ या ‘विनाश के देवता’ के रूप में जाना जाता है। प्राचीन हिंदू शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव त्रिमूर्ति या त्रिमूर्ति में समाहित भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान शिव में से एक हैं। उन्हें आदियोगी (योग का संरक्षक) और सर्वोच्च शक्ति कहा जाता है जो ब्रह्मांड का निर्माण, सुरक्षा और परिवर्तन करता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव के मंत्रों का पाठ करने से व्यक्ति उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है और जीवन की सभी समस्याओं से छुटकारा पा सकता है।
शक्तिशाली शिव मंत्र किसी मनुष्य के जीवन को बदल सकते हैं। भगवान शिव के मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति भय, बीमारियों, शत्रुओं और यहां तक कि मृत्यु को भी हरा सकता है। भगवान शिव के मंत्र कुंडली के भयानक दोषों को दूर कर सकते हैं और आपके जीवन में सुख और समृद्धि ला सकते हैं।
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इसके अलावा, प्रतिदिन भगवान शिव के शक्तिशाली मंत्रों का जाप करना बेहद फायदेमंद होता है। विशेष रूप से, सोमवार, प्रदोष व्रत और महाशिवरात्रि पर, शिव मंत्रों का पाठ करने से अनंत शक्तियां या सिद्धियां प्राप्त हो सकती हैं।
6 शक्तिशाली शिव मंत्र - (Powerful Shiva Mantras)
भगवान शिव के निम्नलिखित शक्तिशाली मंत्र हैं जो आपकी सभी बाधाओं को दूर कर सकते हैं और आपके जीवन की सभी परेशानियों को समाप्त कर सकते हैं। भगवान शिव को प्रसन्न करने और अच्छा स्वास्थ्य, सुख, समृद्धि और मोक्ष प्राप्त करने के लिए इन मंत्रों का जाप करें।
1.पंचाक्षरी शिव मंत्र - (Panchakshari Shiva Mantra)
‘ओम नमः शिवाय’
यह 5 अक्षर का शिव मंत्र है ‘‘मैं भगवान शिव को प्रणाम करता हूं’’। यह भगवान शिव के सबसे मूल और शक्तिशाली मंत्रों में से एक है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, प्रतिदिन 108 बार पंचाक्षरी शिव मंत्र का पाठ करने से आपके शरीर और आत्मा की शुद्धि हो सकती है। यह सभी प्रकार से भगवान शिव का आशीर्वाद लेने में आपकी मदद कर सकता है।
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2. रुद्र मंत्र - (Rudra Mantra)
‘ओम नमो भगवते रुद्राय’
यह शक्तिशाली शिव मंत्र आपको भगवान शिव का आशीर्वाद पाने में मदद करता है। इस शिव मंत्र का पाठ करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
3. शिव गायत्री मंत्र - (Shiva Gayatri Mantra)
‘‘ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहिं तन्नो रुद्रा प्रचोदयात्’’
गायत्री मंत्र को हिन्दू धर्म में सबसे शक्तिशाली मंत्र माना जाता है। अतः भगवान शिव के गायत्री मंत्र की शक्ति अनंत है। भगवान शिव को प्रसन्न करने और मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का जाप करें।
4. शिव ध्यान मंत्र - (Shiv Dhyaan Mantra)
‘‘करचरणकृतं वा कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसं वा पराधं।
विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥’’
भगवान शिव का यह मंत्र आपके सभी पापों के लिए भगवान शिव से क्षमा दिलाता है। यह शक्तिशाली मंत्र आपको आपके पापों के प्रतिकूल परिणामों से बचा सकता है।
5. महा मृत्युंजय मंत्र - (Maha Mrityunjaya Mantra)
“ओम त्रंर्यबकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टि वर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धानाथ मृत्योर्मुक्षिय मामृतात।।
मृत्यु के भय से बचने के लिए इस शक्तिशाली मंत्र का पाठ किया जाता है। गंभीर बीमारी व जीवन और मृत्यु की परिस्थितियों के दौरान इस शक्तिशाली शिव मंत्र का जाप भक्तों को नकारात्मक परिणामों से बचा सकता है।
क्या आपकी कुंडली में काल सर्प दोष है? बुरे प्रभावों और नकारात्मकता को कम करने के लिए इन शक्तिशाली शिव मंत्रों का जाप करें।
6. एकादश रुद्र मंत्र - (Ekadasha Rudra Mantra)
संस्कृत में एकादश का अर्थ ग्यारह होता है। भगवान शिव का यह मंत्र ग्यारह विभिन्न मंत्रों का एक सेट है जिनका उपयोग उनके विभिन्न रूपों की पूजा करने के लिए किया जाता है। प्रत्येक एकादश रुद्र मंत्र हिंदू कैलेंडर के महीने से मेल खाता है। ऐसा कहा जाता है कि उस विशेष महीने में इन शक्तिशाली शिव मंत्रों का पाठ करने से भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा, किसी भी शिवरात्रि पर रुद्र या शिव के ग्यारह रूपों के लिए या महारूद्र यज्ञ अनुष्ठान के दौरान अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए सभी ग्यारह मंत्रों का पाठ कर सकते है।
1. कपाली
‘‘ओम हुमूम सतत्रम्भान्य हूम हूम ओम फट’’
2. पिंगला
‘‘ओम श्रीं ह्रीं श्रीं सर्व मंगलाय पिंगलाय ओम नमः’’
3. भीम
‘‘ओम् ऐं ऐं मनो वन्चिता सिद्धाय ऐं ऐं ओम’’
4. विरुपक्ष
‘‘ओम रुद्राय रोगनाश्य अगच्छ च राम ओम नमः’’
5. विलोहिता
‘‘ओम श्रीं ह्रीं सं सं ह्रीं श्रीं शंकरशनाय ओम’’
6. शस्ता
‘‘ओम ह्रीं ह्रीं सफलायै सिद्धाये ओम नमः’’
7. अजपाड़ा
‘‘ओम् श्रीं बं सौ बलवर्धान्य बालेश्वराय रुद्राय फट् ओम’’
8. अहिरभुदन्य
‘‘ओम् ह्रां ह्रीं हं समस्थ ग्रह दोष विनाशाय ओम’’
9. संभु
‘‘ओम गं ह्लौं श्रौं ग्लौं गं ओम नमः’’
10. चंदा
‘‘ओम चुं चंडिश्वराय तेजस्य चुं ओम फट्’’
11. भव
‘‘ओम भवोद भव संभव्या ईष्ट दर्शन ओम सं ओम नमः’’
पुराणों के अनुसार, यदि कोई पूरे मन से उपरोक्त शक्तिशाली शिव मंत्रों का पाठ करता है, तो वह कम से कम समय में सभी सुखों को प्राप्त कर सकता है।
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