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xप्राचीनकाल से ही समय को मापने के लिए हिन्दू कैलेंडर एक पारंपरिक पद्धति है। भारत की क्षेत्रीय स्थिति के अनुसार हिन्दू कैलेंडर में समय के साथ कई बदलाव किये गये हैं। विशेष रूप से देश के अलग-अलग क्षेत्रों में कई तरह के हिन्दू कैलेंडर इस्तेमाल किये जाते हैं। बारह महीनों के नाम के अलावा हर हिन्दू कैलेंडर एक-दूसरे से थोड़ा अलग है। कैलेंडर सौर व चन्द्र-सौर कैलेंडर दोनों से मिलकर बने हैं। पहला हिन्दू कैलेंडर ईसा पूर्व के अंत में खगोलीय दर्शनशास्त्र के माध्यम से बनाया गया था।
हिन्दू कैलेंडर में कई बदलावों में, हिन्दू कैलेंडर का एक सामान्य अनुवाद है जो कि राष्ट्रीय कैलेंडर के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इस कैलेंडर में सभी मुख्य त्यौहार व छुट्टियों को सम्मिलित किया गया है। सभी महीनों के नाम व उनसे संबंधित राशियां को भी दर्शाया गया है जैसे - चैत्र (मेष), वैशाख (वृषभ), ज्येष्ठ (मिथुन), आषाढ़ (कर्क), श्रावण (सिम्हा), भाद्रपद (कन्या), अश्विन (तुला), कार्तिक (वृश्चिक), मार्गशीर्ष (धनु), पौष (मकर), माघ (कुंभ), फाल्गुन (मीन) ।
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