भगवान गणेश हिंदू धर्म में सबसे लोकप्रिय और पूज्य देवताओं में से एक हैं। वह ज्ञान, भाग्य और समृद्धि के स्वामी हैं। हर शुभ कार्य भगवान श्री गणेश की पूजा के बाद शुरू होता है। भक्त भगवान श्री गणेश जी को गणपति, विघ्नहर्ता, विनायक और एकदंत जैसे विभिन्न नामों से जानते हैं।
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भगवान गणेश के बारे में
परिवार
भगवान गणेश की माता का नाम देवी पार्वती और उनके पिता भगवान शिव हैं। शिव पुराण के अनुसार, Lord Ganesha का विवाह भगवान ब्रह्मा की बेटियों रिद्धि और सिद्धि से हुआ था। उनके दो बेटे थे जिनका नाम शुभ और लाभ है। रिद्धि, सिद्धि, शुभ और लाभ क्रमशः समृद्धि, आध्यात्मिकता, शुभता और लाभ का प्रतीक हैं।
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वेशभूषा
हिंदू भगवान गणेशजी को आमतौर पर एक हाथी मुख के साथ एक देवता के रूप में चित्रित किया जाता है, बड़े पेट वाली मानव काया, दो बड़े कान और एक सूंड। सिर आत्मा का प्रतीक है, मानव शरीर सांसारिक अस्तित्व को दर्शाता है, हाथी मुख ज्ञान का प्रतीक है और सूंड ओम, सर्वोच्च ध्वनि को दर्शाता है।
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भगवान श्री गणेश की मूर्ति के चार हाथ होते हैं। अपने ऊपरी दाहिने हाथ में, वह भक्त के जीवन से सभी बाधाओं को दूर करने के लिए छड़ी धारण करते हैं। बाएं हाथ एक कमंद, जो सभी कठिनाइयों को दूर करता है। श्री गणेश जी का निचला दायाँ हाथ अभय मुद्रा में होता है जो विजय प्राप्ति का आशीर्वाद देता है और नीचे का बायाँ हाथ मोदकों(लड्डूओं) से भरा हुआ होता है, जो सुख और समृद्धि को दर्शाता है। भगवान श्री गणेश की सवारी मूषक(चूहा) है।
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भगवान गणेशजी के जन्म की कहानी
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म इतिहास की उस घटना से मिलता है जब देवी पार्वती अपने निवास स्थान कैलाश पर्वत पर स्नान की तैयारी कर रही थीं। उन्होनें अपने शरीर की मैल से एक लड़के की मूर्ति बनाई और उसमें प्राण डाल दिए। उन्होनें अपने बेटे के रूप में उस बालक का नाम गणेश रखा और उसे द्वार की रखवाली करने का निर्देश दिया। माता पार्वती ने उससे कहा कि वह उसकी अनुमति के बिना किसी को परिसर में प्रवेश न करने दे। जब भगवान शिव ध्यान से वापस लौटे, तो भगवान गणेश ने भगवान शिव को घर में प्रवेश करने से मना कर दिया। इस अवहेलना पर क्रोधित, भगवान शिव ने नंदी और उनके अनुयायियों को उस बालक को सबक सिखाने का आदेश दिया। हालाँकि, श्री गणेश जी ने सभी को हरा दिया। यह सब देखकर वह क्रोधित हो गए और भगवान शिव ने गणेशजी का सिर काट दिया। जब पार्वती को इस घटना के बारे में पता चला, तो वह बहुत दुखी हुई और भगवान शिव से अपने पुत्र, भगवान गणेश को फिर से जीवित करने की मांग की। देवी पार्वती को शांत करने के लिए, भगवान शिव ने भगवान ब्रह्मा को उत्तर दिशा की ओर मुंह करके सोऐ हुए प्राणी को लाने का आदेश दिया। भगवान ब्रह्मा ने एक सोते हुए हाथी के बच्चे को देखा और उसके सिर को काटकर ले आऐ। भगवान शिव ने हाथी के सिर को भगवान श्री गणेश की धड़ से जोड़ दिया और उनमें फिर से प्राण डाल दिए। भगवान शिव ने उन्हें अपने सैनिकों का सेनापति बना दिया और उनका नाम ‘गणपति’ रखा। साथ ही, भगवान शिव ने वरदान दिया कि किसी भी शुभ कार्य या किसी भी देवता की पूजा से पहले गणेश भगवान की पूजा की जाएगी।
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हिंदू भगवान गणेशजी का महत्वपूर्ण त्योहार
भगवान गणेश को समर्पित मुख्य और महत्वपूर्ण त्योहार गणेश चतुर्थी है जो श्री गणेश जी की जयंती का प्रतीक है। यह त्यौहार 10 दिनों तक बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
सामान्य प्रश्न भगवान गणेश जी के बारे
1. भगवान गणेश जी की पसंदीदा मिठाई क्या है?
2. भगवान गणेश को कौन सा फूल पसंद है?
3. सप्ताह का कौन सा दिन गणेश दिवस होता है?
4. भगवान श्री गणेश जी का पसंदीदा रंग कौन सा है?
5. भगवान गणेश जी को कैसे प्रसन्न करें?
- बुधवार के दिन भगवान गणेश जी की पूजा करें और दीप जलाएं।
- भगवान गणेश को मोदक(लड्डू) और गेंदे के फूल चढ़ाएं।
- श्री गणेश पूजा में लाल वस्त्र, लाल फूल और चंदन चढ़ाएं।
- भगवान गणेश मंत्र का जाप करेंः
“वक्रतुंड महाकाय सूर्य कोटि सम प्रभः
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा”
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