जनेऊ संस्कार - यज्ञोपवीत, उपनयनम मुहूर्त की तिथियां
यज्ञोपवीत धारण या उपनयन संस्कार एक पवित्र अनुष्ठान है जो हिंदू समुदाय में किया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जो किसी बच्चे के बचपन और किशोरावस्था में किया जाता है। इसे जनेऊ संस्कार के रूप में भी जाना जाता है, उपनयन संस्कार सभी सोलह संस्कारों में दसवां स्थान रखता है जिन्हें हिंदू शास्त्रों में अनिवार्य माना जाता है। अतः, उपनयन संस्कार हमेशा शुभ उपनयनम मुहूर्त तिथियों में करना चाहिए।
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उपनयन संस्कार क्या है?
हिंदू परंपरा के अनुसार, एक व्यक्ति के जीवन में उपनयन संस्कार एक महत्वपूर्ण संस्कार है। उपनयन संस्कार समारोह में, लड़के को एक जनेऊ दिया जाता है जो उसके द्वारा जीवन भर पहना जाता है। उपनयन संस्कार का जनेऊ एक सफेद रंग का पवित्र धागा होता है जो तीन धागों को एक साथ रखकर बनाया जाता है। इसे बाएं कंधे से दाहिनी ओर छाती तक पहना जाता है। बच्चे के उपनयन संस्कार से संकेत मिलता है कि वह औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने और एक छात्र के रूप में गुरु को स्वीकार करने के लिए तैयार है। वैदिक काल में, बच्चे को गुरु से औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए गुरुकुलों में भेजा जाता था। इसलिए, बच्चे को गुरुकुल भेजेने से पहले उपनयन संस्कार करना आवश्यक था।
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सर्वश्रेष्ठ उपनयनम मुहूर्त
उपनयन संस्कार करने का सही समय किशोरावस्था और युवा अवस्था के बीच का माना जाता है। इसके अलावा, हिंदू शास्त्रों के अनुसार एक ब्राह्मण का आठ वर्ष की आयु से पहले, एक क्षत्रिय का ग्यारह वर्ष की आयु में और एक वैश्य बच्चे का तेरह वर्ष की आयु में उपनयन संस्कार किया जाना चाहिए। महत्वपूर्ण यह है कि, जनेऊ संस्कार किसी भी स्थिति में बच्चे की शादी से पहले किया जाना चाहिए।
वर्ष 2021 में उपनयन मुहूर्त - उपनयनम संस्कार का महत्व
धार्मिक महत्व
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, उपनयन या जनेऊ संस्कार के बिना शिक्षा प्राप्त करने, व्यापार में निवेश करने या किसी भी धार्मिक समारोह करने का कोई महत्व नहीं है। उपनयन संस्कार बच्चे को पिछले जन्म के पापों से मुक्त करता है और दूसरा जन्म प्रदान करता है। साथ ही, उपनयन संस्कार किसी व्यक्ति को यज्ञ करने का अधिकार प्रदान करता है। इसलिए इसे यज्ञोपवीत संस्कार भी कहा जाता है।
वैज्ञानिक महत्व
वैज्ञानिक रूप से, उपनयन संस्कार के विभिन्न लाभ हैं। ब्लड प्रेशर और दिल की समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए जनेऊ पहनना बहुत फायदेमंद माना जाता है। जैसा कि जनेऊ दिल से आगे से पहना जाता है, यह हृदय संबंधी समस्याओं की संभावना को कम करता है। चिकित्सा विज्ञान के अनुसार, व्यक्ति की पीठ पर एक नस दाहिने कंधे से होकर कमर तक जाती है। क्रोध और वासना पर नियंत्रण रखने के लिए इस नस को महत्वपूर्ण माना जाता है। जनेऊ को दाहिने कंधे की तरफ से पहनना किसी व्यक्ति की कमर के रोगों को दूर करता है और नकारात्मक विचारों को कम कर देता है। यह जीवन की अपेक्षाओं में भी सुधार करता है और आंतरिक शक्ति और ज्ञान को बढ़ाता है।
ज्योतिषीय महत्व
उपनयन संस्कार का ज्योतिषीय महत्व भी बहुत बड़ा है। ज्योतिषियों के अनुसार, किसी व्यक्ति द्वारा पहना जाने वाला जनेऊ नवग्रह या सौरमंडल के नौ ग्रहों का प्रतिनिधित्व करता है। जब कोई व्यक्ति सभी उचित हिंदू अनुष्ठानों के अनुसार शुभ उपनयनम तिथि या उपनयनम मुहूर्त पर जनेऊ संस्कार करता है, तो उसे सभी नौ ग्रहों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जनेऊ कुंडली दोष को शांत करता है और सकारात्मक ब्रह्मांडीय ऊर्जा को आकर्षित करने में मदद करता है। जनेऊ का सफेद रंग शुक्र ग्रह के साथ जुड़ा हुआ है और यह जीवन में सुंदरता, प्रेम और रोमांस लाता है। जबकि बृहस्पति से जुड़ा पीला रंग इसकी सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है और ज्ञान प्राप्त करने, अच्छी सलाह लेने और अच्छे कर्म करने में मदद करता है।
वर्ष 2021 में उपनयन मुहूर्त के लिए श्रेष्ठ नक्षत्र
उत्तरायण, रोहिणी, मृगशिरा, रेवती, चित्रा, अनुराधा, हस्ता, अश्विनी, पुष्यमी, अभिजीत, स्वाति, पुर्नवासु, श्रवणम, धनिष्ठा और शतभिषम को उपनयन मुहूर्त के लिए सर्वश्रेष्ठ नक्षत्र माना जाता है।
वर्ष 2021 में उपनयन मुहूर्त के लिए सर्वश्रेष्ठ तिथियां और दिन
उपनयनम मुहूर्त के लिए रविवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार बेहद शुभ दिन हैं। जबकि, द्वितीया, तृतीया, पंचमी, षष्ठी, दशमी, एकादशी और द्वादशी को हिंदू पंचांग में सर्वश्रेष्ठ उपनयन तिथि माना जाता है।
यज्ञोपवीत मंत्र
ज्ञान प्राप्ति और शिक्षा प्राप्त करने के लिए जनेऊ को महत्वपूर्ण माना जाता है। इस प्रकार, भविष्य में सफलता और तरक्की पाने के लिए, जब जनेऊ को उपनयन मुहूर्त में पहना जाता है, तो निम्न मंत्र का पाठ करना चाहिए।
यज्ञोपवीतं परमं पवित्रं प्रजापतेर्यत्सहजं पुरस्तात्।
आयुष्यमग्रं प्रतिमुंच शुभ्रं यज्ञोपवीतं बलमस्तु तेजः।।
yajñopavītaṃ paramaṃ pavitraṃ prajāpateryatsahajaṃ purastāt।
āyuṣyamagraṃ pratimuṃca śubhraṃ yajñopavītaṃ balamastu tejaḥ।।
उपनयन मुहूर्त 2021 । उपनयन तिथि वर्ष 2021 । यज्ञोपवीत मुहूर्त 2021
वर्ष 2021 में उपनयन तिथियां देख रहे हैं? इस पोस्ट में, हमने वर्ष 2021 में उपनयनम संस्कार के लिए शुभ दिनों की सूची प्रदान की है। यहां जनवरी से दिसंबर 2021 तक सर्वश्रेष्ठ उपनयनम मुहूर्तम और उपनयनम तिथियां देख सकते हैं। इसमें वर्ष 2021 की तेलुगु उपनयनम तिथियां और मलयालम उपनयनम तिथियां भी शामिल हैं।
जनवरी 2021 में उपनयन मुहूर्त
उपनयन के लिए शुभ तिथियां |
उपनयन मुहूर्त का समय |
1 जनवरी, 2021 |
08:40-10:22 |
14 जनवरी, 2021 |
10:59-15:54 |
15 जनवरी, 2021 |
07:46-09:27 ओर 10:55-15:50 |
16 जनवरी, 2021 |
07:46-09:23 |
17 जनवरी, 2021 |
09:19-10:47 ओर 12:12-17:57 |
18 जनवरी, 2021 |
07:46-10:43 |
24 जनवरी, 2021 |
07:44-08:52 ओर 10:19-11:44 |
25 जनवरी, 2021 |
07:44-08:48 ओर 10:15-17:26 |
29 जनवरी, 2021 |
07:42-11:25 ओर 13:00-19:30 |
फरवरी 2021 में उपनयन मुहूर्त
उपनयन के लिए शुभ तिथियां |
उपनयन मुहूर्त का समय |
13 फरवरी, 2021 |
07:33-09:01 ओर 10:26-16:11 |
14 फरवरी, 2021 |
07:31-08:57 ओर 10:22-18:27 |
21 फरवरी, 2021 |
18:00-20:17 |
22 फरवरी, 2021 |
07:24-08:25 ओर 09:50-15:36 ओर 17:56-20:13 |
24 फरवरी, 2021 |
07:39-09:42 ओर 11:18-17:48 |
27 फरवरी, 2021 |
15:16-19:54 |
28 फरवरी, 2021 |
07:18-11:02 ओर 12:57-19:50 |
मार्च 2021 में उपनयन मुहूर्त
उपनयन के लिए शुभ तिथियां |
उपनयन मुहूर्त का समय |
1 मार्च, 2021 |
07:58-09:23 |
3 मार्च, 2021 |
07:15-07:50 ओर 09:15-15:00 ओर 17:21-19:38 |
15 मार्च, 2021 |
07:03-08:28 ओर 10:03-16:33 |
29 मार्च, 2021 |
07:33-11:03 ओर 13:18-18:23 |
अप्रैल 2021 में उपनयन शुभ मुहूर्त
उपनयन के लिए शुभ तिथियां |
उपनयन मुहूर्त का समय |
1 अप्रैल, 2021 |
13:06-15:27 ओर 17:44-20:00 |
17 अप्रैल, 2021 |
06:25-09:49 ओर 12:03-18:57 |
22 अप्रैल, 2021 |
07:33-09:29 |
23 अप्रैल, 2021 |
09:25-11:40 |
24 अप्रैल, 2021 |
09:21-18:30 |
मई 2021 में यज्ञोपवीत संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त
उपनयन के लिए शुभ तिथियां |
उपनयन मुहूर्त का समय |
1 मई, 2021 |
08:54-15:46 |
13 मई, 2021 |
06:11-08:06 ओर 10:21-17:15 |
14 मई, 2021 |
06:14-08:03 ओर 10:17-17:11 |
15 मई, 2021 |
06:03-10:13 |
16 मई, 2021 |
12:30-19:23 |
17 मई, 2021 |
07:22-12:26 |
21 मई, 2021 |
12:10-14:27 ओर 16:44-19:03 |
22 मई, 2021 |
09:46-16:40 |
23 मई, 2021 |
09:42-16:36 |
28 मई, 2021 |
07:07-11:42 |
30 मई, 2021 |
09:14-16:08 |
जून 2021 में उपनयन संस्कार के लिए तिथियां व शुभ मुहूर्त
उपनयन के लिए शुभ तिथियां |
उपनयन मुहूर्त का समय |
12 जून, 2021 |
06:09-08:23 ओर 10:43-17:37 |
13 जून, 2021 |
06:05-08:19 ओर 10:40-19:30 |
20 जून, 2021 |
07:52-17:05 |
21 जून, 2021 |
14:42-17:01 |
25 जून, 2021 |
07:32-12:10 ओर 14:26-19:04 |
26 जून, 2021 |
07:28-14:22 ओर 16:42-18:41 |
जुलाई 2021 में उपनयन संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त
उपनयन के लिए शुभ तिथियां |
उपनयन मुहूर्त का समय |
11 जुलाई, 2021 |
11:07-18:01 |
12 जुलाई, 2021 |
06:25-08:46 ओर 11:03-17:57 |
14 जुलाई, 2021 |
08:38-10:55 ओर 13:11-19:53 |
15 जुलाई, 2021 |
06:13-08:34 |
24 जुलाई, 2021 |
10:16-12:32 ओर 14:51-19:14 |
25 जुलाई, 2021 |
06:20-12:28 ओर 14:48-19:10 |
28 जुलाई, 2021 |
10:00-16:54 |
अगस्त 2021 में उपनयन संस्कार के लिए तिथियां व शुभ मुहूर्त
उपनयन के लिए शुभ तिथियां |
उपनयन मुहूर्त का समय |
11 अगस्त, 2021 |
06:48-09:05 ओर 11:21-18:03 |
12 अगस्त, 2021 |
17:59-19:42 |
13 अगस्त, 2021 |
06:40-11:13 ओर 13:33-15:51 |
18 अगस्त, 2021 |
06:23-08:37 ओर 10:54-15:32 |
19 अगस्त, 2021 |
06:23-08:33 ओर 10:50-17:32 |
23 अगस्त, 2021 |
06:25-12:53 ओर 15:12-18:58 |
सितंबर 2021 में यज्ञोपवीत संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त
उपनयन के लिए शुभ तिथियां |
उपनयन मुहूर्त का समय |
8 सितंबर, 2021 |
07:15-09:31 ओर 11:51-17:55 |
9 सितंबर, 2021 |
07:11-09:27 ओर 11:47-17:52 |
11 सितंबर, 2021 |
07:03-11:39 |
15 सितंबर, 2021 |
13:42-15:46 ओर 17:28-18:55 |
16 सितंबर, 2021 |
09:00-17:24 |
17 सितंबर, 2021 |
11:15-17:20 |
अक्टूबर 2021 में जनेऊ संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त
उपनयन के लिए शुभ तिथियां |
उपनयन मुहूर्त का समय |
7 अक्टूबर, 2021 |
14:19-17:29 |
8 अक्टूबर, 2021 |
07:33-09:53 ओर 12:11-17:25 |
10 अक्टूबर, 2021 |
07:25-12:03 ओर 14:07-15:50 |
15 अक्टूबर, 2021 |
09:25-15:30 ओर 16:57-18:22 |
17 अक्टूबर, 2021 |
06:58-09:17 ओर 11:36-16:50 |
21 अक्टूबर, 2021 |
06:57-13:24 ओर 15:06-17:59 |
25 अक्टूबर, 2021 |
08:46-14:51 ओर 17:43-19:18 |
नवंबर 2021 में उपनयन संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त
उपनयन के लिए शुभ तिथियां |
उपनयन मुहूर्त का समय |
6 नवंबर, 2021 |
07:08-10:17 ओर 12:21-16:56 |
8 नवंबर, 2021 |
13:56-18:23 |
13 नवंबर, 2021 |
09:50-15:03 ओर 16:28-18:05 |
14 नवंबर, 2021 |
09:46-16:24 ओर 18:00-18:40 |
20 नवंबर, 2021 |
07:19-13:08 ओर 14:36-19:32 |
21 नवंबर, 2021 |
07:20-13:05 ओर 14:32-19:28 |
24 नवंबर, 2021 |
09:06-15:45 ओर 17:20-19:16 |
दिसंबर 2021 में उपनयनम संस्कार के लिए तिथियां व शुभ मुहूर्त
उपनयन के लिए शुभ तिथियां |
उपनयन मुहूर्त का समय |
5 दिसंबर, 2021 |
12:09-16:37 |
6 दिसंबर, 2021 |
07:31-10:23 ओर 12:06-16:33 |
8 दिसंबर, 2021 |
07:33-11:58 ओर 13:25-18:21 |
13 दिसंबर, 2021 |
07:36-07:52 ओर 09:56-14:30 ओर 16:06-20:16 |
19 दिसंबर, 2021 |
11:14-12:42 ओर 14:07-19:52 |
20 दिसंबर, 2021 |
07:40-12:38 ओर 14:03-19:48 |
ध्यान दें कि उपनयनम संस्कार की शुभ तिथियां विशिष्ट हिंदू पंचांग पर आधारित है। यह किसी व्यक्ति के स्थान और समय के आधार पर भिन्न हो सकती हैं। अतः, हमेशा उपनयन संस्कार समारोह आयोजित करने से पहले श्रेष्ठ उपनयन मुहूर्त जानने के लिए किसी ज्योतिषी से परामर्श करना चाहिए।
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