• Powered by

  • Anytime Astro Consult Online Astrologers Anytime

Rashifal राशिफल
Raj Yog राज योग
Yearly Horoscope 2024
Janam Kundali कुंडली
Kundali Matching मिलान
Tarot Reading टैरो
Personalized Predictions भविष्यवाणियाँ
Today Choghadiya चौघडिया
Rahu Kaal राहु कालम

2024 ब्रह्मचारिणी पूजा

date  2024
Columbus, Ohio, United States

ब्रह्मचारिणी पूजा

 जन्म कुंडली

मूल्य: $ 49 $ 14.99

 ज्योतिषी से जानें

मूल्य:  $ 7.99 $4.99

ब्रह्मचारिणी अनुष्ठान, महत्व और उत्सव

नवरात्रि पर्व का दूसरा दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए समर्पित है। नवरात्रि के पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा करने के बाद, भक्त दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी पूजा करते हैं।

देवी ब्रह्मचारिणी देवी दुर्गा का दूसरा रूप हैं जो एक महिला विद्यार्थी हैं और भगवान महादेव से विवाह करने की दृढ़ इच्छा रखती हैं। उन्हें देवी पार्वती का अविवाहित रूप माना जाता है। हजारों वर्षों की लंबी तपस्या के बाद, भगवान शिव की पत्नि बनने की उनकी इच्छा पूरी हुई। देवी ब्रह्मचारिणी अपार शक्ति और सच्चे प्रेम का प्रतीक हैं।

हिंदू शास्त्रों के अनुसार, यह माना जाता है कि देवी ब्रह्मचारिणी को भगवान शिव की पत्नी बनने के लिए उनकी कठोर तपस्या और दृढ़ समर्पण के लिए जाना जाता है। ‘ब्रह्मा’ शब्द को पवित्र ज्ञान, पूर्ण वास्तविकता और आत्म-विद्यमान आत्मा के साथ निरूपित करता है और ‘चारिणी’ शब्द आचार और व्यवहार को दर्शाता है। नवरात्रि के दूसरे दिन, भक्त देवी ब्रह्मचारिणी की कहानी पढ़ते और सुनते हैं।

अवश्य पढ़ेंः माँ ब्रह्मचारिणी आरती और पूजा विधान

उत्पत्ति

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, देवी ब्रह्मचारिणी देवी दुर्गा के दूसरे रूप का प्रतीक हैं। देवी ब्रह्मचारिणी को उमा, अपर्णा, और तपचारिणी के नामों से भी जाना जाता है। माँ ब्रह्मचारिणी दृढ़ ध्यान और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। देवी दुर्गा के इस रूप को एक समर्पित योगिनी के रूप में दर्शाया गया है जो नारंगी रंग की किनारी के साथ सफेद रंग की साड़ी पहनती हैं। ब्रह्मचारिणी देवी को हमेशा नंगे पैर देखा जाता है और वह हाथों में माला और कमंडल (पवित्र जल का पात्र) रखती हैं।

देखें: चैत्र नवरात्री का कैलेंडर - चैत्र नवरात्री की सम्पूर्ण जानकारी

मान्यताएं

हिंदू शास्त्रों के अनुसार, यह माना जाता है कि भक्त अपने सभी कष्टों से छुटकारा पाने के लिए देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करते हैं। देवी ब्रह्मचारिणी दृढ़ निश्चय और अपार सहनशीलता की परिचायक हैं। वह अपने भक्तों को दृढ़ प्रेरणा और अटूट धैर्य के साथ का आशीर्वाद देती है। भगवान ब्रह्माचारिणी द्वारा भगवान मंगल को नियंत्रित किया जाता है। देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा और मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति भगवान मंगल के किसी भी प्रकार के बुरे प्रभाव से छुटकारा पा सकते हैं। लोकप्रिय धारणा के अनुसार, ब्रह्मचारिणी देवी के व्रत का पालन करने वाली महिलाओं को सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है।

देखें: शरद नवरात्री का कैलेंडर - शारदीय नवरात्री की सम्पूर्ण जानकारी

देवी ब्रह्मचारिणी की कथा

हिंदू पौराणिक कथाओं और शिव महा पुराण के अनुसार, जब देवी पार्वती ने राजा हिमालय की बेटी के रूप में जन्म लिया, तो उन्हें भगवान शिव के साथ अपने संबंध का एहसास हुआ। किशोरावस्था से ही, देवी पार्वती ने भगवान शिव से विवाह करने और उनकी पत्नी बनने की कामना की। अपनी इच्छा को पूरा करने के लिए, उन्होंने एक विशाल तपस्या की। देवी पार्वती ने बिल्व के पत्तों के सेवन पर ही जीवन जीना शुरू कर दिया और बाद में उन्होंने उन पत्तों को खाना भी बंद कर दिया। उन्होनें पानी और भोजन के सेवन से पूरी तरह से त्याग दिया, ताकि वह अपने देवता की पूजा करते समय दृढ़ समर्पण कर सके। हजारों वर्षों तक देवी पार्वती की तपस्या और सच्ची भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने देवी की इच्छा को मानते हुए उनसे विवाह किया।

आज का राशिफल पढ़ें - राशि अनुसार भविष्यफल की जानकारी के लिए।

Chat btn