• Powered by

  • Anytime Astro Consult Online Astrologers Anytime

Rashifal राशिफल
Raj Yog राज योग
Yearly Horoscope 2024
Janam Kundali कुंडली
Kundali Matching मिलान
Tarot Reading टैरो
Personalized Predictions भविष्यवाणियाँ
Today Choghadiya चौघडिया
Rahu Kaal राहु कालम

2004 दुर्गा विसर्जन

date  2004
Columbus, Ohio, United States

दुर्गा विसर्जन
Panchang for दुर्गा विसर्जन
Choghadiya Muhurat on दुर्गा विसर्जन

 जन्म कुंडली

मूल्य: $ 49 $ 14.99

 ज्योतिषी से जानें

मूल्य:  $ 7.99 $4.99

शारदीय नवरात्री 2004 के नव दिवसीय उत्सव की समाप्ति पर दुर्गा विसर्जन किया जाता है। मां दुर्गा की प्रतिमा को विजयदशमी अथवा दशहरा के अवसर पर विसर्जित किया जाता है। भारतीय पंचांग के अश्विन मास को मनाये जाने वाले इस उत्सव को मुख्यत: पूर्व भारत के राज्य, पश्चिम बंगाल, आसाम, उड़ीसा तथा बिहार एवं महाराष्ट्र के कुछ भागों में उत्साहपूर्वक मनाया जाता है।

दुर्गा विसर्जन की तिथि एवं मुहूर्त 2004

हिन्दू पंचांग के अनुसार दुर्गा विसर्जन आश्विन शुक्ल दशमी को किया जाता है। 

दुर्गा विसर्जन 2004 – उत्सव

ऐसी मान्यता है कि इस दिन माता दुर्गा अपने आध्यात्मिक निवास कैलाश पर्वत पर वापस लौटती हैं। इसी कारण से मां दुर्गा के भक्तों के लिए इस दिन का आध्यात्मिक महत्व है। इस दिन कई व्यक्ति अपने उपवास का पारणा करते हैं।

  • दुर्गा विसर्जन के दिन भक्त माता के मस्तक पर सिन्दूर लगा कर उनकी पूजा कर माँ दुर्गा की आरती उतारते हैं।
  • इसके पश्चात माँ दुर्गा की प्रतिमा की सज्जा कर एक विशाल जुलूस के साथ विसर्जन के लिए नदी तक ले जाया जाता है।
  • इस जुलूस में हज़ारो की संख्या में श्रद्धालू परंपरागत गीतों पर नृत्य करते हैं।
  • भक्त ढोल की धुन पर धुनुची नृत्य करते हैं।
  • हाथ में धूप, कपूर तथा नारियल की भूसी से भरे मिट्टी के पात्र में धुंआ किया जता है तथा ढाकी की ताल पर नर एवं नारी पारम्परिक नृत्य में सहभागी होते हैं।

सिदूर उत्सव 2004

सिदूर खेला इस उत्सव की दूसरी महत्वपूर्ण परम्परा है। महिलाये विदाईस्वरूप मां दुर्गा एवं परस्पर सिदूर लगा कर मां दुर्गा को मिठाई अर्पित करती हैं। इस परम्परा को ठाकुर बोरोन के नाम से जाना जाता है। इसी के साथ महिलाएं अपने पति की लम्बी आयु एवं परिवार की सुख समृधि की कामना करती हैं।

अंत में बड़े जुलूस के साथ प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाया जाता है तथा श्रद्धालु इस विश्वास के साथ पूजनीय मां का विसर्जन करते है कि अगले वर्ष वे माता दुर्गा की आराधना कर सकेंगे। इस उत्सव का मां दुर्गा के भक्तों के लिए विशेष महत्व है तथा भारत के अधिकतर भागों में श्रद्धा और उत्साह से मनाया जाता है।

Chat btn