राम नवमी सबसे बड़े हिंदू त्योहारों में से एक है, जो भगवान राम के भक्तों के लिए बहुत महत्व रखता है। भगवान राम भगवान विष्णु का अवतार हैं और इस दिन वह इस धरती पर अयोध्या राजा, दशरथ और उनकी रानी कौशल्या के पुत्र के रूप में अवतार हुऐ थे। भगवान राम का जन्म चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष के दौरान नवमी तिथी हुआ था और यही कारण है कि इस दिन को आनंद और उत्साह के साथ भगवान राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। राम नवमी त्यौहार चैत्र नवरात्रि उत्सव के अंतिम दिन को भी चिह्नित करता है।
राम नवमी कब है?
हिंदू कैलेंडर और भारतीय कैलेंडर के अनुसार, राम नवमी का त्यौहार चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है।
राम नवमी पूजा मुहूर्त
राम नवमी पूजा मुहूर्त जानने के लिए आप चोगड़िया और आज का पंचांग देख सकते हैं।
भगवान राम का जन्म मध्याह्न के दौरान हुआ, अर्थात हिंदू दिवस के मध्य में। यह अवधि 2 घंटे और 24 मिनट तक रहती है और इस चरण के दौरान राम नवमी से संबंधित सभी पूजा प्रथाओं को करना चाहिए।
इस दिन मध्याह्न पूजा को सबसे शुभ माना जाता है।
मध्याह्न काल का मध्य बिंदु समय था जब भगवान राम का जन्म हुआ। इस विशेष समय के दौरान राम मंदिरों में उत्सव अपने शिखर तक पहुंचते हैं।
कई परंपराएं हैं जो राम नवमी के साथ जुड़ी हैं कुछ लोग भगवान राम का आशीर्वाद पाने के लिए दिन भर उपवास रखते हैं। इस दिन आठ प्रहर व्रत को पसंद करते हैं, अर्थात् भक्तों को इस व्रत को सूर्योदय से अगले दिन तक सूर्योदय तक रखना चाहिए।
राम नवमी के दौरान उपवास तीन अलग-अलग तरीकों से मनाया जा सकता है।
देखें: भगवान के भक्ति गीत
पंडाल कार्यक्रम और राम मंदिरों में भजन और पठण भी कुछ नियमित कार्यक्रम हैं जो पूरे दिन में होते हैं। यह एक रंगीन और धार्मिक उत्सव है जो कि भगवान राम के सभी भक्तों में सबसे अधिक प्रतीक्षित है।
Loading, please wait...