Lakshmi Mata Aarti
पूजा के लिए लक्ष्मी जी की आरती। ओम जय लक्ष्मी माता आरती गीत - माता जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता आरती। Om jai lakshmi mata aarti lyrics in Hindi and English. अंग्रेजी और हिंदी में जय लक्ष्मी माता की आरती के बोल। देवी लक्ष्मी हिंदू धर्म के प्रमुख और सबसे लोकप्रिय देवताओं में से एक हैं। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, देवी लक्ष्मी की पूजा बाधाओं को समाप्त कर सकती है और मूल जीवन में सफलता, खुशी और समृद्धि ला सकती है। कोई देवी लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकता है और सुबह और शाम लक्ष्मी जी की आरती गाकर अपनी सभी इच्छाओं को पूरा कर सकता है। 'ओम जय लक्ष्मी माता' आरती लक्ष्मीजी की सबसे लोकप्रिय आरती है जिसे भक्तों द्वारा देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए गाया जाता है। आध्यात्मिक ज्ञान वृद्धि और अलौकिक शक्तियो का आह्वान करने के लिए भक्त देवी लक्ष्मी के पूजा और अनुष्ठान में शक्तिशाली माँ लक्ष्मी के शिव मंत्रों का जाप करते हैं। ऐसा माना जाता है कि महालक्ष्मी व्रत और दीवाली पर जय लक्ष्मी माता आरती गाने वाले भक्तो से माता लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती है। माता लक्ष्मी की पूजा आरती में माँ लक्ष्मी के शक्तिशाली मंत्रो का जाप करने से आध्यात्मिक शक्ति का आभास होता है। माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए शुभ मुहूर्त में आप लक्ष्मी चालीसा का पाठ और लक्ष्मी स्त्रोतम का जाप भी कर सकते है।
ॐ जय लक्ष्मी माता आरती के बोल हिंदी और अंग्रेजी में। शुक्रवार और दिवाली लक्ष्मी पूजा पर माँ लक्ष्मी की पूजा करने के लिए इस आरती का विशेष महत्व है।
आरती श्री लक्ष्मी जी
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥