ज्योतिष में, ग्रहों की स्थिति (एफेमरिज) एक समय में किसी बिन्दू पर आकाश में प्राकृतिक एवं कृत्रिम वस्तुओं की स्थिति प्रदान करता है।
प्राचीन काल से ग्रहों की स्थिति को तालिका के रूप में छाप कर दिखाया जाता है। जो कि समय-समय पर बदलती रहती हैं। इस तरह ‘पत्रिका’ आमतौर पर एक ही दिन तक रहती है जो कि अगले ही दिन नये मायनों के साथ बदल जाती है। आजकल, पंचांग की गणना आधुनिक गणितिय तरीके से पृथ्वी के चारों ओर घूमने वाले ग्रहों की स्थिति के आधार पर की जाती है। छपे हुऐ पंचांग को अभी भी संसार के कुछ हिस्सों में इस्तेमाल किया जाता है जहां कम्प्यूटर आम जनता के लिए उपलब्ध नहीं हैं।
पंचांग सही उतार-चढ़ाव के अनुसार गोलाकार ध्रवीय समन्वय प्रणाली का उपयोग कर ग्रहों की स्थिति को सूचीबद्ध करता है। इन निर्देशांक का उपयोग तारों के मानचित्र व दूरबीन बनाने में किया जाता है। ज्योतिषी (खगोलशास्त्री) इन निम्न घटनाओं को जानने के लिए बेहद उत्साहित रहते हैं, उदाहरण के लिए सूर्य व चन्द्र ग्रहण, ग्रहों की वक्री स्थिति, नक्षत्र का समय आदि । पंचांग ज्योतिष हमें जन्म कृण्डली के बारे में जानने में मदद करता है क्योंकि यह हमें वर्तमान में ग्रहों की स्थिति व मानवीय जीवन में उसके प्रभाव के बारे में बताता है।
पंचांग आपको तिथि के अनुसार ग्रहों की स्थिति प्रदान करता है जिससे आप अपने ग्रहों के साथ अपने सितारों, प्राकृतिक उपग्रहों व आकाशगंगाओं का वर्णन प्राप्त कर सकते हैं। यह पंचांग आम तौर पर आने वाली सदियों को शामिल करता है। यह आकाशीय प्रक्रिया के क्षेत्र में उपलब्ध विभिन्न वास्तविक समय की गणना की सहायता से किया जाता है। हालांकि बहुत से क्षेत्रों में सही शोध की कमी की वजह से आधुनिक पंचांग को पर्याप्त रूप से समझाया नहीं जा सकता। ग्रहों की स्थिति आकाशीय पथ प्रदर्शन साफ्टवेयर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जो बदले में अंतरिक्ष यान पथ प्रदर्शन के साथ हमारी सहायता करता है और वैश्विक स्थिति निर्धारण प्रणाली अर्थात् बैकअप विकल्प के रूप में काम कर सकता है अर्थात जीपीएस। वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए, आज ग्रहों की स्थिति या अभी ग्रहों की स्थिति महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें समय पर किसी भी बिन्दू पर धूमकेतु या क्षुद्रग्रहों की स्थिति के बारे में आश्वयक जानकारी प्रदान करती है।
ज्योतिष में, वैदिक पंचांग का बहुत महत्व है और इसका उपयोग होता है क्योंकि यह आज की ग्रह स्थिति और ग्रह पारगमन (आज का गोचर) को समझने में मदद करता है। ग्रह गोचर आज वर्तमान ग्रहों की स्थिति, उनके भविष्य के प्रक्षेपवक्र और वेग के आधार पर कुंडली के परिणाम को निर्धारित करने के लिए मुख्य पहलुओं में से एक है। गुरु और शनि का गोचर बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस प्रकार आज के गोचर चार्ट का विश्लेषण करते हुए ज्योतिषी शनि के लिए आज बृहस्पति डिग्री और ग्रह स्थिति की जांच करते हैं। आज के गोचर या ग्रहों की स्थिति की जानकारी की सटीकता उन्हें किसी व्यक्ति पर सितारों और खगोलीय पिंडों के प्रभाव का पता लगाने की अनुमति देती है।
किसी दी गई तिथि पर वर्तमान ग्रहों की स्थिति जानने के लिए पंचांग @ वर्ष की जांच करें, जो बदले में आपको ग्रहों के साथ-साथ उनके संबंधित सितारों, प्राकृतिक उपग्रहों और आकाशगंगाओं के स्थिति संबंधी विवरण में मदद करता है। ग्रह स्थिति ज्योतिष आज के गोचर और वर्तमान ग्रहों की स्थिति और भविष्य के लिए भविष्यवाणियों के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है। यदि आप जन्म तिथि और समय के अनुसार वर्तमान ग्रहों की स्थिति की जांच करते हैं, तो आप अपनी जन्म तिथि के लिए ग्रहों की स्थिति और ग्रह गोचर रिपोर्ट के लिए सटीक विवरण प्राप्त कर सकते हैं।
2024 पंचांग आज की ग्रहों की स्थिति, आप धूमकेतु और क्षुद्रग्रहों की गति को ट्रैक कर सकते हैं जो व्यवहार में अनियमित हैं। हालांकि, यह सलाह दी जाती है कि किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से बात करें क्योंकि आज के समय में कुछ घटनाओं की पर्याप्त व्याख्या नहीं की जा सकती है। अल्प शोधित क्षुद्रग्रहों के कारण व्यवधान के कारण पंचांग।
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