2024 संकष्टी चतुर्थी City of Benton, Arkansas, United States
2024
City of Benton, Arkansas, United States
संकष्टी चतुर्थी कब है अप्रैल, 2024 में |
27 अप्रैल, 2024 (संकष्टी चतुर्थी) |
प्रसिद्ध ज्योतिषियों द्वारा अपनी कुंडली रिपोर्ट प्राप्त करें $ 14.99/-
अत्यधिक उपयुक्त
पूर्ण कुंडली रिपोर्ट प्राप्त करें
संकष्टी चतुर्थी
संकष्टी चतुर्थी/संकटहरा चतुर्थी का त्यौहार भगवान गणेश जी को समर्पित है। श्रद्वालू इस दिन अपने बुरे समय व जीवन की कठिनाईओं को दूर करने के लिए भगवान गणेश जी की पूजा करते हैं। इस त्यौहार को प्रत्येक महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। तामिलनाडू राज्य में इसे संकट हरा चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। मंगलवार के दिन पड़ने वाली चतुर्थी को अंगरकी चतुर्थी भी कहा जाता है एवं इसे सबसे शुभ माना जाता है।
हिन्दू पंचांग में हर एक चन्द्र महीने में दो चतुर्थी तिथि होती है। पूर्णिमा के बाद कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है तथा अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। भारत के उत्तरी एवं दक्षिणी राज्यों में संकष्टी चतुर्थी का त्यौहार मनाया जाता है। संकष्टी शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है जिसका मतलब होता है ‘कठिन समय से मुक्ति पाना’ ।
साल 2024 के लिए संकष्टी चतुर्थी की सूची
तिथि | दिनांक | तिथि का समय |
---|---|---|
संकष्टी चतुर्थी जनवरी 2024 |
28 जनवरी (रविवार) |
समय देखें |
संकष्टी चतुर्थी फरवरी 2024 |
27 फरवरी (मंगलवार) |
समय देखें |
संकष्टी चतुर्थी मार्च 2024 |
29 मार्च (शुक्रवार) |
समय देखें |
संकष्टी चतुर्थी अप्रैल 2024 |
27 अप्रैल (शनिवार) |
समय देखें |
संकष्टी चतुर्थी मई 2024 |
27 मई (सोमवार) |
समय देखें |
संकष्टी चतुर्थी जून 2024 |
25 जून (मंगलवार) |
समय देखें |
संकष्टी चतुर्थी जुलाई 2024 |
24 जुलाई (बुधवार) |
समय देखें |
संकष्टी चतुर्थी अगस्त 2024 |
22 अगस्त (गुरुवार) |
समय देखें |
संकष्टी चतुर्थी सितम्बर 2024 |
21 सितम्बर (शनिवार) |
समय देखें |
संकष्टी चतुर्थी अक्तूबर 2024 |
20 अक्तूबर (रविवार) |
समय देखें |
संकष्टी चतुर्थी नवम्बर 2024 |
17 नवम्बर (रविवार) |
समय देखें |
संकष्टी चतुर्थी दिसम्बर 2024 |
17 दिसम्बर (मंगलवार) |
समय देखें |
संकटहरा चतुर्थी की पूजा विधि
श्रद्धालू इस दिन सुबह जल्दी उठकर भगवान गणेश जी की पूजा करते हैं एवं व्रत रखते हैं। जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखते हैं वह केवल कच्ची सब्जियां, फल, साबुदाना, मूंगफली एवं आलू खाते हैं। शाम के समय भगवान गणेश जी की प्रतिमा को ताजे फूलों से सजाया जाता है। चन्द्र दर्शन के बाद पूजा की जाती है एवं व्रत कथा पढ़ी जाती है। तथा इसके बाद ही संकष्टी चतुर्थी का व्रत पूर्ण होता है।
संकष्टी चतुर्थी का महत्व
चतुर्थी के दिन चन्द्र दर्शन को बहुत ही शुभ माना जाता है। चन्द्रोदय के बाद ही व्रत पूर्ण होता है। मान्यता यह भी है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। पूरे वर्ष में संकष्टी चतुर्थी के 13 व्रत रखे जाते हैं जो कि इसके क्रम हो सही बनाते हैं, प्रत्येक व्रत के लिए एक अलग व्रत कथा है। ‘अदिका’ कथा जो कि सबसे आखिर व्रत में चार साल बाद एक बार पढ़ी जाती है ।