ज्येष्ठ अमावस्या के बारे में
हिंदू कैलेंडर 2607 या पंचांग के अनुसार, कुल तीस तिथियां (चंद्र) हैं और अमावस्या आम तौर पर महीने के मध्य में आती है। जैसा कि नाम से पता चलता है कि ज्येष्ठ अमावस्या, वो अमावस्या है जो ज्येष्ठ के हिंदू महीने में मनाई जाती है। यह महीने का वह समय होता है जब नकारात्मक ऊर्जाएं और आत्माएं बहुत मजबूत होती हैं।
हिंदू कैलेंडर 2607 के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या ज्येष्ठ के हिंदू महीने में अमावस्या तिथि पर आती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर 2607 के अनुसार, यह दिन मई या जून के महीने में आता है।
ज्येष्ठ अमावस्या व्रत पूजा मुहूर्त के लिए देखे चौघड़िया।
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हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र माह (मार्च-अप्रैल) से शुरू होने वाले पुरे वर्ष में 12 अमावस्या होता है। यहाँ ज्येष्ठ अमावस्या के अलावा अमावस्या के दिनों की सूची दी गई है।
| क्र.सं. | हिंदू महीना | अमावस्या व्रत नाम और उसी दिन के त्योहार | 
| 1 | चैत्र | |
| 2 | वैशाख | |
| 3 | ज्येष्ठ | ज्येष्ठ अमावस्या, दर्शन भावुक अमावस्या, शनि जयंती, वट सावित्री व्रत | 
| 4 | आषाढ़ | |
| 5 | श्रावण | |
| 6 | भाद्रपद | |
| 7 | अश्विन | आश्विन अमावस्या, सर्व पितृ अमावस्या, सर्वपितृ दर्शन अमावस्या | 
| 8 | कार्तिक | |
| 9 | मार्गशीर्ष | |
| 10 | पौष | |
| 11 | माघ | |
| 12 | फाल्गुन | 
यदि अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है - सोमवती अमावस्या कहलाती है।
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