हिंदू महीने कार्तिक के जिस दिन चंद्रमा नहीं होता है तो उसे कार्तिक अमावस्या (Kartik Amavasya) कहा जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक महीना अक्टूबर/नवंबर महीने में आता है। कार्तिक अमावस्या को दुनिया भर में दिवाली के दिन के रूप में भी मनाया जाता है।
किंवदंतियों के अनुसार, एक बार राजा बलि ने सभी देवताओं को देवी लक्ष्मी के साथ कैद कर लिया था और उन्हें कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन भगवान विष्णु द्वारा मुक्त करवाया गया था। हालाँकि, इस घटना से भयभीत होकर, देवी लक्ष्मी के साथ सभी देवता क्षीर सागर (दूध का महासागर) में चले गए। अतः, कार्तिक अमावस्या के दिन उनके लिए विशेष व्यवस्था की जाती है ताकि वे क्षीर सागर में न जाएं, बल्कि लोगों के घरों में रहें, और लोग उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।
एक अन्य कथा में बताया गया है कि इस दिन भगवान राम 14 साल का वनवास पूरा करने के बाद अपनी पत्नी, देवी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे। उनके आगमन का जश्न मनाने के लिए, अयोध्या के लोगों ने मिट्टी के दीपक जलाए और तब से कार्तिक अमावस्या के दिन दीपावली मनाई जाती है। वनवास के दौरान, भगवान राम ने राक्षसों के राजा रावण का वध किया था, इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में भी मनाया जाता है।
यहाँ कार्तिक अमावस्या व्रत या पूजा का पालन करते हुए किए जाने वाले अनुष्ठान बताए गए हैं।
नवग्रह ध्यानश्लोकं
आदित्याः चः सोमाय मंगलाय बुधाय चः।
गुरू शुक्र शनिभयसकं राहवे केतवे नमः।।
रवि
जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महद्युतिं।
तमोरिसर्व पापघ्नं प्रणतोस्मि दिवाकरं।।
चन्द्र
दधिशंख तुषाराभं क्षीरोदार्णव संभवं।
नमामि शशिनं सोंमं शंभोर्मुकुट भूषणं।।
मंगल
धरणीगर्भ संभूतं विद्युत्कांतीं समप्रभं।
कुमारं शक्तिहस्तंच मंगलं प्रणमाम्यहं।।
बुध
प्रियंगुकलिका शामं रूपेणा प्रतिमं बुधं।
सौम्यं सौम्य गुणपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहं।।
गुरू
देवानांच ऋषिणांच गुरुंकांचन सन्निभं।
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिं।।
शुक्र
हिमकुंद मृणालाभं दैत्यानां परमं गुरूं।
सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहं।।
शनि
नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजं।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्वरं।।
राहु
अर्धकायं महावीर्यं चंद्रादित्य विमर्दनं।
सिंहिका गर्भसंभूतं तं राहूं प्रणमाम्यहं।।
केतू
पलाशपुष्प संकाशं तारका ग्रह मस्तकं।
रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहं।।
इति व्यासमुखोद्गीतम् यः पठेत् सुसमाहितः।
दिवा वा यदि वा रात्रौ विघ्न शांतिर्भविष्यति ।।
नर नारी नृपाणाम् चः भेवत् दुःस्वप्ननाशम्।
ऐश्वर्यमतुलं तेषाआंरोग्यं पुष्टिवर्धनम्।।
ग्रह नक्षत्रजः पीडज्ञ स्तस्कराग्नि समुभ्दवाः।
तासर्वाः प्रशमं याान्ति व्यासो ब्रुते नसमंसयः।।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र माह (मार्च-अप्रैल) से शुरू होने वाले पुरे वर्ष में 12 अमावस्या होता है। यहाँ कार्तिक अमावस्या के अलावा अमावस्या के दिनों की सूची दी गई है।
क्र.सं. |
हिंदू महीना |
अमावस्या व्रत नाम और उसी दिन के त्योहार |
1 |
चैत्र |
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2 |
वैशाख |
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3 |
ज्येष्ठ |
ज्येष्ठ अमावस्या, दर्श भावुक अमावस्या, शनि जयंती, वट सावित्री व्रत |
4 |
आषाढ़ |
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5 |
श्रावण |
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6 |
भाद्रपद |
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7 |
अश्विन |
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8 |
कार्तिक |
कार्तिक अमावस्या, दिवाली, लक्ष्मी पूजा |
9 |
मार्गशीर्ष |
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10 |
पौष |
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11 |
माघ |
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12 |
फाल्गुन |
यदि अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है - सोमवती अमावस्या कहलाती है।
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