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x2022 सिन्दूर तृतीया
सिंदूर तृतीया का महत्व और उत्सव
सिंदूर तृतीया को भक्तों द्वारा नवरात्रि पर्व के तीसरे दिन मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर, भक्त देवी के तीसरे रूप की पूजा करते हैं, जिसका नाम देवी चंद्रघंटा है। उत्तर भारत के राज्यों में, यह दिन काफी महत्व रखता है।
सिंदूर तृतीया का अनुष्ठान नवरात्रि के दौरान किया जाता है क्योंकि नवरात्रि का अवसर इस त्योहार के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है। सिंदूर (सिंदूर या लाल पाउडर) विभिन्न हिंदू अनुष्ठानों की सबसे आवश्यक और महत्वपूर्ण चीजों में से एक है और देवी दुर्गा की पूजा करते समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। दक्षिण भारत के राज्यों में, सिंदूर तृतीया की रस्म नवरात्रि उत्सव के पहले तीन दिनों के समापन का प्रतीक है।
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