This website uses cookies to ensure you get the best experience on our website Learn more.
x2021 विवाह पंचमी
जन्म कुंडली
ज्योतिषी से जानें
विवाह पंचमी क्या है?
विवाह पंचमी को देवी सीता और भगवान राम के विवाह की सालगिरह के रूप में मनाया जाता है क्योंकि यह माना जाता है कि इस दिन उनकी शादी हुई थी। विवाह पंचमी हिंदू माह मार्गशीर्ष में शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन आती है। किसी भी हिंदू विवाह के समान, इस दिन की रस्में और समारोह कई दिनों पहले शुरू हो जाते हैं।
विशेष पूजा: जल्दी शादी अथवा विवाह सम्बन्धी समस्याओं के समाधान के लिए पूजा।
विवाह पंचमी पर सीता स्वयंवर की कहानी और महत्व
हिंदू पौराणिक कथाओं और शास्त्रों के अनुसार, विवाह पंचमी का बहुत महत्व है क्योंकि इसे एक शुभ और पवित्र दिन माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम (जोकि भगवान विष्णु के अवतार हैं) जिन्होंने नेपाल में जनकपुरधाम की यात्रा की और देवी सीता के स्वयंवर में भगवान शिव के धनुष को तोड़ दिया और देवी सीता से विवाह किया।
इस दिव्य विवाह समारोह की याद में, भारत और अन्य देशों के कई हिस्सों से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री यहाँ पहुँचते हैं और भव्य समारोहों का हिस्सा बनते हैं।
अवश्य पढ़े: तुलसी शालीग्राम विवाह की कथा (कहानी)
राम विवाह पंचमी का उत्सव
विवाह पंचमी का उत्सव सम्पूर्ण भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में राम-सीता मंदिरों में होता है। लेकिन भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या और नेपाल के जनकपुर में देवी सीता की जन्मभूमि पर सबसे पवित्र और भव्य समारोह आयोजित किऐ जाते हैं।
इस सौभाग्यशाली दिन पर मंदिरों को दीपों और रोशनी से सजाया जाता है। यह एक दिव्य विवाह अनुष्ठान होता है, जहां मूर्तियों या देवताओं की मूर्तियों को गहनों और कपड़ों के साथ खूबसूरती से सजाया जाता है और यह सामाजिक समारोह व्यापक रूप से ‘राम विवाह उत्सव’ के रूप में लोकप्रिय है।
भक्त दिव्य मंत्रों का जाप करते हैं और देवताओं की स्तुति में भक्तिमय और पवित्र गीत (भजन) गाते हैं। ‘रामलीला’ नामक एक कलात्मक प्रदर्शन विभिन्न स्थानों पर राम सीता विवाह कहानी का चित्रण करता है। उसके बाद, पुजारी द्वारा विवाह पंचमी पूजा की जाती है और भगवान राम की आरती के साथ उत्सव का समापन किया जाता है।