लाभ पंचमी का अवसर दिवाली के त्यौहार और इसके उत्सव का अंतिम दिन होता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन (पंचमी) यह त्यौहार मनाया जाता है। यह दिन ‘लखेनी पंचमी’, ‘ज्ञान पंचमी’, ‘सौभाग्य पंचमी’ या ‘लाभ पंचम’ जैसे कई अन्य नामों से भी लोकप्रिय है।
लाभ पंचम 2004 : यह गुजरात राज्य में सबसे लोकप्रिय त्यौहार है। गुजरात के लोग अत्यधिक धन और समृद्धि के लिए पूर्ण उत्साह के साथ देवी लक्ष्मी और भगवान गणेशजी की पूजा और प्रार्थना करते हैं। लाभ पंचमी की पूर्व संध्या पर, लोग अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और दुकानों को खोलते हैं। गुजरात के क्षेत्रों में, इसे आधिकारिक तौर पर गुजराती नव वर्ष का पहला दिन माना जाता है।
हिंदू ग्रंथों के अनुसार, लाभ को परिभाषित किया गया हैः
लाभस्तेषां जयस्तेषां कुतस्तेषां पराजयः
यशेम इंदेवरा श्याम हुरुदयम थौ जनार्दन
लाभ पंचमी के दिन, लोग शारदा पूजा भी करते हैं यदि वे दीवाली के समय इसे भूल गये थे।व्यापारिक समुदाय से जुड़े सभी लोग, इस विशेष दिन अपने व्यापारिक प्रतिष्ठानों और दुकानों को खोलते हैं और नए बही-खातों की पूजा करते हैं।व्यवसायिक लोग इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेशजी से प्रार्थनाऐं और पूजा करते हैं ताकि वे आने वाले वर्ष के लिए सफलता का आशीर्वाद पा सकें।रिश्तेदार और मित्र एक दूसरे के साथ ‘मीठे रिश्तों’ के प्रतीक के रूप में मिठाई और उपहार के साथ शुभकामनाऐं देते हैं।कुछ विशिष्ट संस्कृतियों में, लोग अपने ज्ञान और बुद्धिमता को बढ़ाने के लिए अपनी किताबों की पूजा करते हैं।लोगों को इस शुभ दिन पर जरूरतमंद और गरीब लोगों को पैसे, कपड़े, भोजन और अन्य आवश्यक चीजें दान करनी चाहिऐं।
लाभ पंचमी का अवसर रोशनी, दिवाली के त्यौहार से जुड़ा हुआ है। ‘लाभ’ शब्द लाभ अर्थात् फायदे को दर्शाता है और इस प्रकार लोगों के जीवन में योग्यता और अच्छा भाग्य लाने के लिए इस दिन को पहचाना जाता है। गुजरात राज्य में, लोग मानते हैं कि लाभ पंचमी पूजा को करके, वह पेशेवर और व्यक्तिगत दोनों मोर्चों पर अच्छे भाग्य, धन और खुशी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। यह हिंदू त्योहार एक नया व्यापार उद्यम शुरू करने या स्थापित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण और शुभ दिनों में से एक माना जाता है।
Diwali Festival Calendar |
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Diwali Day-1 Festival | गोवत्स द्वादशी , वसु बरस |
Diwali Day-2 Festival | धनतेरस, धन्वन्तरि त्रयोदशी , यम दीपम, काली चौदसi, हनुमान पूजा, तमिल दीपावली |
Diwali Day-3 Festival | नरक चतुर्दशी, दिवाली लक्ष्मी पूजा, केदार गौरी व्रत, चोपड़ा पूजा, शारदा पूजा |
Diwali Day-4 Festival | दिवाली स्नान, दिवाली देवपूजा, द्युता क्रीड़ा, गोवर्धन पूजा, अन्नकूट, बलि प्रतिपदा |
Diwali Day-5 Festival | गुजरती नया साल, भैया दूज, भौ बीज, यम द्वितिया |
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